हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर की उन परीक्षाओं को हम समय पर करवा सके एवं परीक्षा परिणाम भी चोित कर सके, जिन्हें सागर विश्वविद्यालय से संबद्धता के दौरान दो-दो वर्ष विलंब की स्थिति झेलनी पड़ती थी। परीक्षा में पारदर्शिता एवं पवित्रता का हम पर्याप्त ध्यान रख रहे हैं। सीमित मौतिक एवं मानव संसाधनों के बीच में ऐसा कर पाना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। कतिपय निजी महाविद्यालयों की मनमानी एवं राष्ट्रपति की चोषित अधिसूचना के विपरीत सागर कोन्द्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े रहने के दुरागह ने हमें ऋणात्मक दृष्टि से प्रभावित किया है। फिर भी हमें आशा हैं कि शासन एवं न्यायपालिका कुछ ऐसा निर्णय करेगी ताकि हमारे क्षेाथिकार के पाँच जिलों के समस्त महाविद्यालय हमसे विधिवत् संबद्ध हों और हम समय की पाबंदी एवं परीक्षा की पवित्रता के साथ इस क्षेत्र के समस्त शिक्षा जगत का विकास कर सकें। मुझे यह व्यक्त करते हुए गर्व है, कि नवीन सोच के साथ अन्य विश्वविद्यालय से हटकर आकर्षक एवं उपयोगी बनाने के लिए न केवल सचित्र बल्कि विश्वविद्यालय से सम्बस्धित महत्वपूर्ण आदेशों एवं दस्तावेजों को समाहित करते हुये इस विश्वविद्यालय को प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन को अत्यंत उपादेय बनाया गया है। इस सराहनीय कार्य के लिए कुलसचिव एवं उनके सहयोगियों की मैं प्रशंसा करता हूँ।